कैसे ढूंढे अपनी समस्या का समाधान।

 कैसे ढूंढे अपनी समस्या का समाधान।



आपस में सुलझाने की अपेक्षा जो अन्य से फैसला कर आते हैं वे सदैव घाटे में रहते हैं सद्भाव और सहकार के अभाव में व्यक्ति अपने हाथ आई संपदा भी खो बैठता एक छोटे ऊदबिलाव ने पानी में घुसकर एक मोटी मछली की पूछ पकड़ी मछली उस ऊदबिलाव से अपने प्राणों की रक्षा हेतु अपनी पूरी ताकत लगाकर उसे पानी में खींच ले चली स्वयं को असहाय दशा में पाकर ऊदबिलाव ने अपने एक दूसरे साथी को जोर से चिल्ला कर पुकारा ऊदबिलाव का दूसरा साथी वहां दौरा आया और दोनों ने मिलकर उस मछली को किनारे पर लाकर पटक दिया अब दोनों ऊदबिलाव के समक्ष उस मछली के आपस में समान रूप से बंटवारे का प्रश्न आया तो वे दोनों आपस में उलझ गए मछली का किसको कितना भाग मिलना चाहिए इसका फैसला वे आपस में ना कर सके इतने में एक सियार उधर आ पहुंचा दोनों ऊदबिलाव ने मछली के बंटवारे हेतु उसे अपना पंच बनाया धूर्त सियार ने उस मछली के लिए उन मुर्ख लालची ऊदबिलाव में समान बांटने कि वह नीति अपनाई जो दो बिल्लियों के एक रोटी के लिए लड़ने पर बंदर ने अपनाई थी सियार तक रहा था अतः उस मछली को ऊदबिलाव में समान रूप से बांटने के बहाने वह मछली पूरी चट कर गया और ऊदबिलाव को अपनी स्वयं की मूर्खता के कारण बस हाथ मलते हुए जाना पड़ा दोस्तों यह कहानी काफी छोटी है और इस कहानी को आप में से हर कोई कई बार सुन चुके होंगे आपने बचपन में सुना था दो बिल्लियां और एक बंदर की कहानी यह कहानी उसी प्रकार है इस कहानी को हम सब लोग जानते हैं लेकिन फिर भी लेकिन फिर भी इस में से कितने लोग हैं जो इस कहानी को सुनकर इसका पालन करते हैं दोस्तों हम किसी भी कहानी को बड़े चाव से सुनते हैं क्योंकि कहानी सुना हम सभी को पसंद है हम कहानी सुनते हैं हम कहानी सुनाते हैं और हम कहानी पढ़ते हैं क्योंकि हमें बहुत अच्छा लगता है लेकिन किसी चीज को पढ़कर उसका पालन करना बहुत कठिन है दोस्तों क्योंकि जितना कहना आसान है उतना ही करना मुश्किल है यह कहानी हम कई बार सुने लेकिन फिर भी हम इस कहानी का पालन नहीं करते हम अपनी समस्याओं के लिए किसी और के पास भटकते रहते जी हां दोस्तों यह सच्चाई है हम अपनी समस्याओं के लिए किसी और के पास भटकते रहते हैं और वह हमारी समस्याओं का फायदा उठाता आप खुद यह सोचिए और फिर बताइए क्या आप भटकते हैं कि नहीं क्या आपने ही भटकते हैं दूसरों के सामने में अपनी समस्याओं को लेकर आप अपनी समस्याओं के समाधान के लिए हर किसी के पास जाते हैं हां शायद कभी-कभी आपको समाधान मिल जाता है लेकिन अधिकतर अधिकतर आपकी समस्याओं का अन्य फायदा उठाते हैं तो इसलिए अपनी समस्याओं को दूसरों के पास ले जाने के बजाय अपनी समस्याओं के बारे में सोचिए अपनी समस्याओं के समाधान को निकालिए आप यह सोचिए कि आपको समस्या किस कारण से है आपको किस कारण से ऐसी समस्या आ रही है और उस कारण का समाधान क्या हो सकता है जितना समय आप दूसरों से अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए भटकते रहते हैं अगर आप इतना समय अपनी समस्याओं के कारण को ढूंढने में और उसके समाधान में लगाएंगे तो यकीन मानिए दोस्तों आपका समस्या का समाधान भी हो जाएगा और तो और आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा और यही है दोस्तों आप बार-बार यह बहाना नहीं बना सकते कि हम ऐसा नहीं कर सकते यह सच में एक बहाना ही होता है आप अपनी समस्याओं के लिए उठिए क्योंकि आप अपनी समस्याओं के लिए खुद ही जिम्मेदार होते हैं तो आपको उसका समाधान भी खुद ही ढूंढना पड़ेगा जब तक आप दूसरों के सामने में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकते रहेंगे भीख मांगते रहेंगे तब तक वह आपकी समस्याओं का फायदा उठाएंगे और आप वहीं के वहीं रह जाएगा इसलिए अपने समय को बचाइए और अपने समय को अच्छे काम में लगाइए और अपने समय में ही आप अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढिए और कुछ नया सीखिए कुछ नया सीखने के लिए ज्ञान पाने के लिए कमाने के लिए पैसा कमाने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे नमस्कार आज के लिए इतना ही मैं फिर मिलूंगा अगले आर्टिकल में।

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